Sindhu Sabhyata
https://www.studyfry.com/jain-dharm पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित 'माण्टगोमरी ज़िले' में रावी नदी के बायें तट पर यह पुरास्थल है। हड़प्पा में ध्वंशावशेषों के विषय में सबसे पहले जानकारी 1826 ई. में 'चार्ल्स मैन्सर्न' ने दी। 1856 ई. में 'ब्रण्टन बन्धुओं' ने हड़प्पा के पुरातात्विक महत्त्व को स्पष्ट किया। 'जॉन मार्शल' के निर्देशन में 1921 ई. में 'दयाराम' के पुरातात्विक महत्त्व को स्पष्ट किया। जॉन मार्शल के निर्देशन में 1921 ई. में 'दयाराम साहनी' ने इस स्थल को स्पष्ट किया। जॉन मार्शल के निर्देशन में 1921 ई. में दयाराम साहनी ने इस स्थल का उत्खनन कार्य प्रारम्भ करवाया। 1946 में मार्टीमर ह्वीलर ने हड़प्पा के पश्चिमी दुर्ग टीले की सुरक्षा का प्राचीर का स्वरूप ज्ञात करने के लिए यहाँ उत्खनन करवाया। इसी उत्खनन के आधार पर ह्वीलर ने रक्षा प्राचीन एवं समाधि क्षेत्र के पारस्परिक सम्बन्धों को निर्धारित किया है। यह नगर क़रीब 5 कि.मी. के क्षेत्र में बसा हुआ है। हड़प्पा से प्राप्त दो टीलों में पूर्वी टीले को 'नगर टीला' तथा पश्चिमी टीले को ...