Computer kya h

 




Table Of Contents कंप्यूटर क्या है – Computer kya hai? कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? – definition of computer in Hindi कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer ka Full Form kya hota hai? कंप्यूटर का परिचय – Computer ka Introduction कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर – Computer Hardware and Software in Hindi कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है? – Computer Hardware kya hai? कंप्यूटर साफ्टवेयर क्या है? – Computer Software kya hai कंप्यूटर के प्रकार -  Types of Computers कंप्यूटर की विशेषताएं क्या है? (Features / Characteristics of Computer) कंप्यूटर की सीमाएं क्या है? Limitation of Computer कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया – Computer ka aaviskar kisne kiya? कंप्यूटर की जनरेशन – computer ki generation कंप्यूटर क्या है – Computer kya hai? कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो कई सारे कार्यों को एक साथ कर सकता है। वो भी बिना कोई गलतियाँ के इसलिए यह आज के समय में एक महत्वपूर्ण और उपयोगी डिवाइस बन चुका है। इसके बिना आज के इस दुनिया की कल्पना भी नही की जा सकती है। तो चलिए इसे और विस्तार में समझते है। Computer एक Electronic Device है जो User द्वारा किये गए Input Data में प्रोसेस करके सूचनाओ को Result के रूप में Output पर दिखाता है। अर्थात कंप्यूटर एक Electronic Device है जो User द्वारा दिए गए निर्देश के अनुशार कार्य को संपादित करता है। और संपादित किए गए कार्य को भविष्य के उपयोग के लिए स्टोर कर के भी रखता है। कंप्यूटर में डेटा को स्टोर, पुनर्प्राप्त और प्रोसेस करने की अद्भुत क्षमता होती है। आप कंप्यूटर का इस्तेमाल कोई डाक्यूमेंट बनाने के लिए, ईमेल भेजने के लिए, गेम खेलने और इंटरनेट पर भ्रमण करने, प्रजेंटेशन व वीडियोज बनाने जैसे अनगिनत कार्यों के लिए कर सकते हैं। Input Data - Process – Output Data Computer शब्द की उत्पत्ति “COMPUTE” शब्द से हुई है जिसका सीधा सा अर्थ है “गणना करना” । इसलिए हम कह सकते है की कंप्यूटर एक गणना करने वाला यंत्र है । लेकिन वर्तमान में इसका क्षेत्र अत्यंत व्यापक हो चुका है जिसकी हम कल्पना नही कर सकते। कंप्यूटर अपनी उच्च संग्रह क्षमता (High Storage Capacity), गति (Speed), स्वचालन (Automation), क्षमता (Capacity), शुद्धता (Accuracy), सार्वभौमिकता (Versatility), विश्वसनीयता (Reliability), रखने की शक्ति के कारण हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण होता जा रहा है। कंप्यूटर कम समय में अधिक तीव्र गणनाए करता है इसके द्वारा दिए गए परिणाम अधिक शुद्ध होते हैं। कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? – definition of computer in Hindi "कंप्यूटर एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करता है। अतः कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो इनपुट डिवाइस की मदद से आँकड़ो को स्वीकार करता है फिर उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकड़ो को आउटपुट डिवाइस की मदद से सूचना के रूप में डाटा को प्रदान करता है।" कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer ka Full Form kya hota hai? तकनीकी रूप से कंप्यूटर का कोई स्पेसिक फुल फार्म नही है लेकिन कुछ लोगों और संस्थाओं के द्वारा फुल फॉर्म बताया गया है जो की काफी लोकप्रिय और अर्थपूर्ण है। C – Commonly, O – Operated, M – Machine, P – Particularly, U – Used in, T – Technology, E – Education and, R – Research इस प्रकार अगर हम इसका हिन्दी में ट्रांसलेट करें तो कुछ इस तरह होगा- आम ऑपरेटिंग मशीन विशेष रूप से व्यापार, शिक्षा और अनुसंधान के लिए उपयोग की जाती है। कंप्यूटर का परिचय – Computer ka Introduction कंप्यूटर को कार्य करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्रामो की जरूरत पड़ती है। ये उपकरण Hardware तथा Software  है। एक साधारण कंप्यूटर कुछ इस प्रकार दिखाई देता है। कंप्यूटर के विभिन्न उपकरण उपर चित्र में आप देख सकते हैं एक आम कंप्यूटर में कई अलग-अलग पार्ट जुड़ कर कंप्यूटर सिस्टम बनाते हैं। चलिए इन उपकरणों को और विस्तार से जानते हैं। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर – Computer Hardware and Software in Hindi कोई भी कंप्यूटर को कार्य करने के लिए सबसे जरूरी दो चीजें हैं, पहला Hardware और दूसरा Software. इसके बिना कंप्यूटर का कोई अर्थ  ही नही है। कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है? – Computer Hardware kya hai? हार्डवेयर कंप्यूटर  का वह भाग होता है जिसे हम छू सकते हैं और जिसकी भौतिक संसचना होती है, जैसे कि – कीबोर्ड ,माउस, प्रिन्टर, सीपीयू, और स्पीकर ये सभी कंप्यूटर के External Hardware हैं। लेकिन जो कि CPU के आंतरिक भाग में लगे होते हैं जैसे कि – मदरबोर्ड, डिस्क ड्राइव, रैम, रोम, प्रोसेसर, SMPS, CPU Fan ईत्यादि Internal Hardware है। 1. System Unit System Unit कंप्यूटर का मेन पार्ट होता है जिसमें Computer को कार्य करने के लिए सभी आवश्यक यंत्र लगे होते है। इसे CPU यानि Central Processing Unit कहते है। सी. पी. यू. में मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क पॉवर सप्लाई SMPS (Switched Mode Power Supply), रैम-रोम, आदि जरूरी कम्पोनेंट इसी के अंदर लगाए जाते हैं। इसे कंप्यूटर का Cabinet भी कहा जाता है।    2. Monitor मॉनीटर एक आउटपुट डिवाइस है इसे विजुअल डिस्पले डिवाइस (Visual Display Device VDU) भी कहते हैं। जिसका कार्य दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाना है। वर्तमान में कई प्रकार के मॉनिटर देखने मिलते है जैसे CRT ( Cathode Ray Tube) Monitor, LCD ( Liquide Cristal Display) Monitor, LED ( Light Emitting Display) Monitor, और Flat Panel Monitor. क्या आप जानते हैं मॉनीटर पर चित्र छोटे-छोटे बिन्दिओं (Dots) से मिलकर बनता है। जिसे पिक्सल (Pixels) नाम से जाना जाता है। 3. Keyboard कीबोर्ड एक मुख्य इनपुट डिवाइस है इसका मेन कार्य यूज़र द्वारा अक्षर और अंकीय रूप में डेटा और सूचना को कंप्यूर में इनपुट कराना होता है। यानि की इसकी मदद से हम कंप्यूटर में Text, Number या स्पेशल चिन्ह आदि को सीधे टाइप कर सकते है। कुछ प्रकार के कीबोर्ड जैसे कि QWERTY, DVORAK और AZERTY मुख्य रूप से प्रयोग किए जाते हैं। यहाँ कीबोर्ड के बारे में और जान सकते हैं। 4. Mouse मॉउस भी एक इनपुट डिवाइस है इसे Pointing Device भी कहा जाता है जिसकी मदद से हम कंप्यूटर को आपरेट / नेविगेट करते हैं । इसका प्रयोग कर्सर ( टेक्स्ट में पोजीशन दर्शाने वाला ब्लिंकिंग प्वाइंट या प्वाइंटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त माउस का उपयोग कंप्यूटर में ग्राफिक्स की मदद से कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए किया जाता है। माउस के बारे में विस्तार से जानें 5. Speakers Speaker एक आउटपुट डिवाइस है इससे कंप्यूटर में चलने वाले आवाज़ को सुन सकते है। स्पीकर के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनि सुनाई देती है. 6. Printer प्रिंटर भी आउटपुट डिवाइस की श्रेणी में आता है। इसका प्रयोग कम्पयूटर से प्राप्त Data और Information को कागज पर प्रिंट करने के लिए करते हैं। यह Black and White के साथ-साथ Colour Document को भी प्रिंट कर सकता है किसी प्रिंटर की गति कैरेक्टर प्रति सेकण्ड (Character Per Second – CPS) में या लाइन प्रति मिनट ( Line Per Minute – LPM) और पेजेज प्रति मिनट (Pages Per Minute – PPM) में मापी जाती है। कागज पर प्रिंट डॉक्यूमेंट को हार्ड कॉपी  कहते हैं, जबकि कंप्यूटर पर सेव डॉक्यूमेंट को सॉफ्ट कॉपी कहते हैं। कंप्यूटर साफ्टवेयर क्या है? – Computer Software kya hai जिस प्रकार कंप्यूटर में मूलभूत हार्डवेयर का होना जरूरी है उसी प्रकार सॉफ्टवेयर का होना भी अत्यंत जरूरी है। इसके बिना कंप्यूटर किसी डिब्बे के अलावा कुछ नही हैं। तो दोस्तों सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए निर्देशों का एक सेट होता है जो हार्डवेयर के को बताता है कि क्या करना है और इसे कैसे करना है। तथा कंप्यूटर के विभिन्न हार्डवेयरों के बीच समन्वयन स्थापित करता है, ताकि किसी पर्टीकुलर कार्य को पूरा किया जा सके। अगर सॉफ्टवेयर की बात करें तो इनके उदाहरण में वेब ब्राउज़र, वर्ड प्रोसेसर, File Explorer और गेम्स आदि शामिल हैं। सॉफ्टवेयर के प्रकार - (Types of Software)  यहाँ पर सॉफ्टवेयर को उसके कार्यों तथा संरचना के आधार पर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया गया है – 1. सिस्टम सॉफ्टवेयर जो प्रोग्राम कंप्यूटर को चलाने, उसको नियंत्रित करने, उसके विभिन्न भागों की देख भाल करने के लिए बनाए जाते हैं उनको “सिस्टम सॉफ्टवेयर” कहा जाता है। सामान्यतः कंप्यूटर से हमारा सम्पर्क या संवाद सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही हो पाता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर यूजर की सुविधा के लिए ही बनाया जाता है। इसके उदाहरण हैं सिस्टम मैनेजमेंट प्रोग्राम, सिस्टम यूटिलीज़ आदि। 2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उन प्रोगामों को कहा जाता है, जो हमारा वास्तिविक कार्य को करने के लिये लिखे जाते हैं जैसे- Microsoft Office, web browsers, games, Media Players आदि सभी । Application  Software किसी यूजर के विशेष कार्य को करने के लिए बनाया जाता है। कंप्यूटर के प्रकार -  Types of Computers जब भी हम कंप्यूटर शब्द सुनते हैं, तो हमारे मन में जो छवि बनती है वो है लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर की। लेकिन वर्तमान समय में कई प्रकार के कंप्यूटर उपलब्ध है। कंप्यूटरों को उनकी रूपरेखा, कार्य प्रणाली, उद्देश्यों तथा पर्पजों के आधार पर विभिन्न भागों में वर्गीकरण किया जा सकता है, जिनका विवरण आगे है। 1. आकार के आधार पर (On the Basis of Size) माइक्रो कंप्यूटर - Micro Computer मिनी कंप्यूटर - Mini Computer मेनफ्रेम कंप्यूटर - Mainframe Computer पर्सनल कंप्यूटर - Personal Computer सुपर कंप्यूटर - Super Computer 2. उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (On the Basis of Purpose) सामान्य उद्देश्यीय कंप्यूटर - General Purpose Computer विशिष्ट उद्देश्यीय कंप्यूटर - Special Purpose Computer 3. अनुप्रयोग के आधार पर (On the Basis of Applications) एनालॉग कंप्यूटर - Analog Computer डिजिटल कंप्यूटर - Digital Computer हाईब्रिड कंप्यूटर - Highbrid Computer कंप्यूटर की विशेषताएं क्या है? (Features / Characteristics of Computer) Speed (गति) कंप्यूटर किसी भी कार्य को बहुत तेजी से कर सकता है Computer कुछ ही सेकंड में गुणा, भाग, जोड़, घटाना जैसी लाखों संक्रियाएं कर सकता है। अगर आपको 845+627*978 का मान ज्ञात करना है तो  आपको 1 या 2 मिनट का समय लग सकता है, लेकिन यही कार्य कंप्यूटर 1 सेकेंड से भी कम समय में कर सकता है। और ऐसी ही लाखों गणनाओं को कुछ ही सेकंड में कर सकता है। Automation (स्वचालन) वर्तमान समय में हमारे दैनिक जीवन में कई प्रकार की स्वचालित मशीनों का उपयोग होने लगा है ऐसे कई सारे कार्य है जो कंप्यूटर स्वचलित (Automatic) तरीके करता है। Accuracy (शुद्धता) कंप्यूटर किसी भी कैलकुलेशन में कोई गलती नही करता हैं वही अगर किसी आम व्यक्ति द्वारा किया गया कैलकुलेशन में काफी त्रुटि देखने को मिल जायेगी। साधारणतः कंप्यूटर किसी भी प्रोसेस को बिना त्रुटि के पूरा कर सकता है। लेकिन यहाँ पर Data Input करने वाले यूजर द्वारा ही ग़लतियाँ हो सकती है जिससे कंप्यूटर गलत परिणाम दिखा देता है फिर भी देखा जाए तो इनपुट किए गये डाटा के हिसाब से कैलकुशन में कोई त्रुटियाँ नही होती है। High Storage Capacity (उच्च संग्रहण क्षमता) किसी कंप्यूटर में Data Store करने की क्षमता बहुत अधिक होती है एक कंप्यूटर लाखों शब्दों को बहुत ही कम Space में Store करके रख सकता है और यह कई वर्षो तक स्टोर कर रख सकता है तथा बाद में हम कभी किसी भी स्टोर सूचना को कुछ ही सेकंड में प्राप्त कर सकते हैं। यह सभी प्रकार के Data को स्टोर करने में सक्षम है, जैसे- Picture, Files, Program, Video और Audio आदि। Diligence (कर्मठता) यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य को लगातार कुछ घंटो तक करने के बाद थक जाता है, लेकिन इसके विपरीत कंप्यूटर किसी कार्य को लगातार कई घंटो, दिनों, और महीनों तक करने की क्षमता रखता है। Reliability (विश्वसनीयता) कंप्यूटर को मेमोरी क्षमता इतनी अधिक शक्तिशाली होती है कि कई वर्षों बाद भी विश्वसनीय होती है और Store किए गए डाटा  भी Accurate होते हैं। कंप्यूटर की सीमाएं क्या है? Limitation of Computer कंप्यूटर अपनी असीमित क्षमताओं के कारण इतना उपयोगी बन चुका है, फिर भी कंप्यूटर की कुछ कमियाँ भी है। इसकी सबसे बड़ी कमी यह है कि कंप्यूटर में सेल्फ डिसीजन की कमी होती है यानी की यह स्वयं कोई निर्णय नही ले सकता है जब तक इसे कोई आदेश न दिया जाए। और इसमें सेल्फ इन्टलीजेन्स की कमी होती है जिससे यह कोई भी कार्य अपने से नही करता है। जैसे कि किसी रोबोट को बाजार जाने के लिये बोला जाए तो वह बाजार तो जाएगा लेकिन वापस नही आएगा क्योंकि उसे जो निर्देश मिला है उतना ही कार्य करेगा। कंप्यूटर कुछ भी अपने से नही सोच सकता है। यह सिर्फ वही कार्य कर सकता है जो पहले से ही इसे प्रोग्राम के जरिए बताया गया है। कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया – Computer ka aaviskar kisne kiya? कंप्यूटर का आविष्कार दुनिया को सबसे बड़े आविष्कारों में से एक है। क्योकि इसने पुरी दुनिया को ही बदल कर रख दिया है। जो काम पहले के समय में इसानो द्वारा किये जाते थे अब वही सब काम कंप्यूटर से किए जाने लगे है। जिससे काफी कम समय में ज्यादा कार्य होने लगा है। लेकिन क्या आप जानते है की कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया है अगर नही तो मै बता दूं इसकी सबसे पहले खोज करने वाले व्यक्ति का नाम “चार्ल्स वैबेज” (Charles Babbage) है। जिन्होने 1822 में “Differential engine” नाम का मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था। फिर इसको और विकसित करने में बहुत सारे लोगों ने वक्त के साथ योगदान दिया है। और फिर उन्होने Analytical engine के रूप में पहला माडर्न कंप्यूटर सामने लाया। इस इंजन में ALU (Arithmetic and Logic unit), basic flow control और integrated memory का प्रयोग किया गया। वर्तमान में इसी मॉडल के आधार पर बनाए जाते हैं। कंप्यूटर की जनरेशन – computer ki generation कंप्यूटर के विकास के आधार पर इसे 5 पीढ़ियों में बाँटा गया है- First Generation Vacuum Tubes (1940-1956) इस जेनरेशन के कंप्यूटर का आकार इतना विशाल होता था की पूरा का पूरा रूम ही कैप्चर हो जाता था। यही नही इन कंप्यूटर का इस्तेमाल काफी Costly हुआ करता था क्योंकि इनको चलाने के लिए बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती थी। जितना कि किसी फ़ैक्टरी मे होता था। और ये बहुत ज्यादा heat पैदा करते थे जिसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल हुआ करता था। इसमें इनपुट डिवाइस के रूप में punch cards और paper tape का इस्तेमाल होता था, और ऑउटपुट के लिए प्रिंट ऑउट का इस्तेमाल होता था। इसे चलाने के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग होता था। First generation के कुछ उदाहरण है- UNIVAC, EMIAC. Second Generation Transistor (1956-1963) सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल होने लगा। Transistors का आविष्कार Bell labs ने 1947 में किया था। ये ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब की तुलना में कई गुना बेहतर थे क्योकि ये बहुत फास्ट होने के साथ ही कम बिजली खर्च करते थे जिससे इसे चलाना कुछ हद तक सस्ता हो गया लेकिन Heat की समस्या अब भी बनी थी। इस पिढ़ी के कंप्यूटर machine language की जगह Assembly language का इस्तेमाल करते थे। इसमें COBOL और FORTRAN उच्च स्तरीय भाषा का इस्तेमाल किया गया। Third Generation Integrated Circuits (1964-1971) तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में Integrated Circuits ने ट्रांजिस्टर्स की जगह ले ली। अब ट्रांजिस्टर को काफी छोटे कर के एक सिलिकॉन चिप्स के अंदर डाला गया जिसे सेमीकंडक्टर कहा गया। इस पीढ़ी में heat की समस्या कम हो चुकी थी लेकिन इसे एक अनुकूलित वातावरण की आवश्यकता थी। इसने speed and efficiency काफी ज्यादा बढ़ा दी थी। अब पंच कार्ड और प्रिंटऑउट की जगह कीबोर्ड और मॉनीटर का इस्तेमाल शुरू हो गया। जिसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया। Fourth generation Microprocessor (1971-Present) इस पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया। इसमें हजारो इंट्रीग्रेटेड सर्किट को एक सिलिकॉन चिप के अंतर ही डाला गया। अब ये कंप्यूटर साइज में इतने छोटे हो गए थे की इसे हथेली पर रख सकते थे। 1971 में Intel 4004 chip को Develop किया गया जिसके अंदर ही सारे कंपोनेंट को फिक्स कर दिया गया। सन् 1981 में IBM ने पहली बार घर पर इस्तेमाल होने वाला पहला कंप्यूटर सिस्टम तैयार किया। Fifth Generation Artificial Intelligence इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Artificial intelligence को बढ़ावा दिया गया है जैसे Voice recognition, Quantum calculation, parallel processing आदि। इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी advance हो चुके हैं। 

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