MATH FORMULA 1.Complete

चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 
12
× विकर्णों का गुणनफल
❍ समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊंचाई
❍ समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = 
12
 × विकर्णों का गुणनफल
❍ समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = (भुजा)2 - 
(विकर्ण )22
❍ समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल =
12
 × समांतर भुजाओं का योग × ऊंचाई
❍ समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = समांतर भुजाओं के योग का आधा × उनके बीच की लंबवत दूरी
❍ समान्तर चतुर्भुज का परिमाप = 2 × आसन्न भुजाओं का योग


 त्रिभुज का क्षेत्रफल = 
12
 × आधार × ऊंचाई ×
❍ त्रिभुज का क्षेत्रफल (विषमबाहु )= S (S-a) (S-b) (S-c)
जहाँ S = 
a+b+c2
❍ समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 
34
 × भुजा2
❍ समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 
b4
 × 4a2- b2
❍ समबाहु त्रिभुज की ऊंचाई = 
32
 × भुजा
❍ समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = 
12
 × समकोण बनाने वाली भुजाओं का गुणनफल
❍ त्रिभुज का परिमाप = सभी भुजाओं का योग
❍ किसी समकोण त्रिभुज में - (कर्ण )2= (आधार)2 + (लम्ब )2

 वृत्त की त्रिज्या = 
परिधि
 या क्षेत्रफल ÷ r
❍ वृत्त का व्यास = 2r
❍ वृत्त का क्षेत्रफल = π r2
❍ वृत्त का परिमाप / परिधि = 2πr
❍ अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = 
12
 × πr2
❍ अर्द्धवृत्त का परिमाप = πr + 2r
❍ वृत्त के चतुर्थांश का क्षेत्रफल = 
14
 × πr2
❍ चाप = 
π r θ180°
❍ लघु वृत्तखंड का क्षेत्रफल = 
πr2θ360
 - 
12
 r2 Sinθ
❍ दीर्घ वृत्तखंड का क्षेत्रफल = वृत्त का क्षेत्रफल - लघु वृत्त खंड का क्षेत्रफल
❍ लघु त्रिज्यखंड के चाप की लम्बाई (l) = 
πrθ180
❍ लघु त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल = 
πr2θ360
 या 
12
 L × R
❍ दीर्घ त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल = πr2 
360 - θ360
 ]
❍ दो संकेंद्री वृत्तों के बीच का क्षेत्रफल = π (r12 - r22)
❍ यदि किसी वृत्त की त्रिज्या को x प्रतिशत बढ़ा दिया जाये तो उसके क्षेत्रफल में % वृद्धि = 2x + 
x2100
❍ r त्रिज्या के वृत्ताकार पार्क के चारों ओर x मीटर चौड़ा रास्ता हो तो रास्ते का क्षेत्रफल = π x (2r+x)
❍ r त्रिज्या के वृत्ताकार पार्क के अंदर की ओर x मीटर चौड़ा रास्ता हो तो रास्ते का क्षेत्रफल = π x (2r-x)

महत्वपूर्ण तथ्य

1. यदि किसी आयत , वृत्त , चतुर्भुज , त्रिभुज की परिमितियाँ समान हों , तो इन चारों में से वृत्त का क्षेत्रफल सबसे अधिक होता है ।

2. वृत्त की सबसे बड़ी जीवा वृत्त का व्यास होती है ।

3. यदि किसी वृत्त की त्रिज्या या व्यास n गुना कर दिया जाए , तो उसकी परिधि n गुनी तथा क्षेत्रफल n2गुना हो जाता है ।

4. किसी ∆ की माध्यिकाओं के वर्गों के योगफल का 4 गुना उसकी भुजाओं के वर्गों के योगफल के तीन गुने के बराबर होता है ।

5. वृत्त के एक चाप का केन्द्र पर अंश माप , चाप के सापेक्ष वृत्त के एकान्तर खण्ड के किसी एक बिन्दु पर इस चाप द्वारा अन्तरित कोण का दोगुना होता है ।

6. दो वृत्त एक - दूसरे को नहीं काटेंगे , यदि और केवल यदि वृत्तों के केन्द्रों के बीच की दूरी , वृत्तों की त्रिज्याओं के योगफल से अधिक हो ।

7. दो वृत्त एक - दूसरे को दो बिन्दुओं पर काटेंगे यदि और केवल यदि वृत्तों के केन्द्रों के बीच की दूरी , वृत्तों की त्रिज्याओं के योगफल से कम हो ।

8. दो वृत्त बाह्यतः स्पर्श करेंगे , यदि और केवल यदि वृत्तों के केन्द्रों के बीच की दूरी वृत्तों की त्रिज्याओं के योगफल के बराबर हो ।

9. दो वृत्त एक - दूसरे को अन्तः स्पर्श करेंगे , यदि और केवल यदि वृत्तों के केन्द्रों के बीच दूरी , वृत्तों की त्रिज्याओं के अन्तर के बराबर हो ।

10. एक वृत्त दूसरे वृत्त के अन्दर होगा तथा दोनों वृत्त किसी भी बिन्दु पर एक - दूसरे को | स्पर्श नहीं करेंगे यदि और केवल यदि वृत्तों के केन्द्रों के बीच की दूरी उनकी त्रिज्याओं के अन्तर से कम हो .

 घन का आयतन = भुजा 3
❍ घनाभ का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई ×ऊंचाई
❍ बेलन का आयतन = π r2h
❍ खोखले बेलन का आयतन = π (r12 - r22)h
❍ शंकु का आयतन = ⅓ πr2h
❍ शंकु के छिन्नक का आयतन = ⅓ πh[r12 + r22+r1r2]
❍ गोले का आयतन = 
43
 πr3
❍ अर्द्धगोले का आयतन = ⅔ πr3
❍ गोलीय कोश का आयतन = 
43
π(r13 - r23)


से बहुत आसान बनाया जा सकता है | इसी प्रकार गणित को सरल बनाने के लिए सर्वसमिकाओं का प्रयोग किया जाता है ,जो की पहले ही सिद्ध की जा चुकी हैं | यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण सर्वसमिकाएँ दी गयी हैं |



  • उभयनिष्ट गुणक

     c(a+b) = ca + cb

  • द्विपद का वर्ग

     (a+b)2 = a2 + 2ab + b2

    (a-b)2 = a2 - 2ab + b2

  • दो पदों के योग एवं अन्तर का गुणनफल (वर्गान्तर सूत्र)

     a2 - b2 = (a+b) (a-b)

  • अन्यान्य सर्वसमिकाएँ(घनों का योग व अंतर)

     a3 - b3 = (a-b) (a2 + ab + b2)

     a3 + b3 = (a+b) (a2 - ab + b2)

  • द्विपद का घन

     (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3

     (a - b)3 = a3 - 3a2b + 3ab2 - b3

  • बहुपद का वर्ग

     (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca

  • दो द्विपदों का गुणन जिनमें एक समान पद हो

     (x + a )(x + b ) = x2 + (a + b )x + ab

  • गाउस (Gauss) की सर्वसमिका

    a3 + b3 + c3 - 3abc = (a+b+c) (a2 + b2 + c2 - ab -bc - ca)

  • लिगेन्द्र (Legendre) सर्वसमिका

     (a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2)

     (a+b)2 - (a-b)2 = 4ab)

     (a+b)4 - (a-b)4 = 8ab(a2 + b2)

  • लाग्रेंज (Lagrange) की सर्वसमिका

     (a2 + b2)(x2 + y2) = (ax + by)2 + (ay - bx)2

     (a2 + b2 + c2) (x2 + y2 + z2) = (ax + by + cz)2 + (ay - bx)2 + (az - cx)2 + (bz - cy )2

त्रिभुज का क्षेत्रफल = 
12
 आधार × ऊंचाई ×
❍ आयत का क्षेत्रफल= लंबाई × चौड़ाई
❍ वर्ग का क्षेत्रफल =( भुजा)2
❍ समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊंचाई
❍ समचतुर्भुज का क्षेत्रफल 
12
 × विकर्णों का गुणनफल
❍ समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल 
12
 × समांतर भुजाओं का योग × ऊंचाई
❍ समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = समांतर भुजाओं के योग का आधा × उनके बीच की लंबवत दूरी
❍ वृत्त का क्षेत्रफल = π r2
❍ अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल = 
12
 × πr2
❍ वृत्त के चतुर्थांश का क्षेत्रफल = 
14
 × πr2
❍ दो संकेंद्री वृत्तों के बीच का क्षेत्रफल = π (r12 
4
 × भुजा2
❍ समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 
b4
 × 4a2- b2
❍ लघु त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल = 
πr2θ360
 या 
12
 L × R
❍ दीर्घ त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल = πr2 
360 - θ360
 ]
❍ लघु वृत्तखंड का क्षेत्रफल = 
πr2θ360
 - 
12
 r2 Sinθ
❍ दीर्घ वृत्तखंड का क्षेत्रफल = वृत्त का क्षेत्रफल - लघु वृत्त खंड का क्षेत्रफल
❍ घनाभ का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(lb+bh+hl)
❍ घन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6 × भुजा 2
❍ घन के एक पृष्ठ का क्षेत्रफल = भुजा 2
❍ फर्श या छत का क्षेत्रफल का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
❍ बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2 πrh
❍ बेलन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 πr(r+h)
❍ बेलन के दोनों सिरों का क्षेत्रफल = 2 πr2
❍ खोखले बेलन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 π (r1 + r2) (h+r1 - r2)
❍ शंकु का वक्र (ढालू) पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl
❍ शंकु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr(r+l)
❍ शंकु के ढालू भाग की लंबाई (l) = r2+ h2
❍ शंकु के आधार का क्षेत्रफल = πr2
❍ शंकु के आधार का परिमाप = 2πr
❍ शंकु के छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πl(r1 + r2)
❍ शंकु के छिन्नक का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = πl(r1 + r2) + π (r12 + r22)
❍ शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊंचाई(l) = h2+ (r1 - r2)2
❍ गोले का संपूर्ण (वक्र) पृष्ठीय क्षेत्रफल =4πr2
❍ अर्द्धगोले का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3πr2
❍ अर्द्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr2

लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य

➢ हानि = क्रय मूल्य - विक्रय मूल्य

➢ लाभ % = 
लाभक्रय मूल्य
 × 100
➢ हानि % = 
हानिक्रय मूल्य
 × 100

➢ विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य + लाभ

➢ विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि

➢ क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ

➢ क्रय मूल्य = = विक्रय मूल्य + हानि

➢ लाभ = ( 
लाभ %100 + लाभ
 ) × विक्रय मूल्य
➢ हानि = ( 
हानि %100-हानि
 ) × विक्रय मूल्य

➢ बट्टा = लिखित मूल्य - विक्रय मूल्य

➢ लिखित मूल्य = बट्टा + विक्रय मूल्य

➢ विक्रय मूल्य = लिखित मूल्य – बट्टा

➢ बट्टा % = ( 
बट्टालिखित मूल्य
 ) × 100
➢ बट्टा = ( 
बट्टा %लिखित मूल्य
 ) × 100
➢ N वर्ष पश्चात जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या ×( 
1 + दर100
 ) समय
➢ N वर्ष पूर्व जनसंख्या = 
वर्तमान जनसंख्या( 1+दर / 100 ) समय
➢ मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
➢ सरल ब्याज = 
मूलधन × दर × समय100
➢ मूलधन = 
100 ×ब्याजदर × समय
➢ समय = 
100× ब्याजदर × मूलधन
➢ दर = 
100× ब्याजसमय × मूलधन
➢ ब्याज = मिश्रधन - मूलधन
➢ चक्रवृद्धि मिश्रधन =मूलधन ×1 + 
दर100
 ) समय
➢ चक्रवृद्धि ब्याज =मूलधन ×(1 + 
दर100
 ) समय - मूलधन
Note : ब्याज अर्धवार्षिक देय हो तो : दर=
R2
, समय = T×2

Blogger- Ramesh Bais

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